कर्मचारियों के लिये आचरण संहिता:
एचीवर्स क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के निर्देशक मंडल ने फरवरी, 2011 को इस आचरण संहिता को स्वीकार किया है।
  आचरण संहिता 
  1. प्रत्येक एडवाइजर का कर्तव्य है कि वह ‘एचीवर्स क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड’ के दिये गये दिशा निर्देशों के अनुरूप ही अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें।
  2. प्रत्येक एडवाइजर का कर्तव्य है, कि वह सोसाइटी में, प्रत्येक व्यक्ति के साथ, चाहे वह सहकर्मी हो या ग्राहक हो, विनम्र व अच्छा शालीन व्यवहार, समय का पाबन्द और सतर्कता के साथ व्यवहार करें।
  3. प्रत्येक एडवाइजर को अपना कर्तव्य व सेवाएँ पूरी मेहनत, ईमानदारी, लगन, विनम्रता, सतर्कता और अच्छे व्यवहार से प्रदान करनी है, इसके अलावा ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिये जिससे संस्थान की साख खराब हो। बेईमानी या गबन की अवस्था में नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा व तुरन्त वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
  4. प्रत्येक एडवाइजर संस्थान के कार्यकलापों व संस्थान के सहयोगी सदस्यों की गोपनीयता का निर्वाह करेगा, इस बाबत उसे संस्थान द्वारा प्रेषित गोपनीयता का शपथ-पत्र भरना पड़ेगा।
  5. कोई भी एडवाइजर संस्थान के अलावा, किसी भी तरह का व्यापार या खुदरा काम, किसी तरह की फीस या अन्य किसी भी तरह का वैतनिक कार्य करने के लिये वैध नहीं है।
  6. कोई भी एडवाइजर संस्थान के अन्दर या बाहर किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकेगा। ऐसा करना उसके लिये अवैध माना जाएगा।
  7. कोई भी एडवाइजर किसी भी प्रकार के जुए या शेयर्स, स्टाक्स, प्रतिभूति (सिक्यूरिटी) जिन्स (कामोडिटिज) या वेल्यूएबल्स की सट्टेबाजी में भाग नहीं लेना चाहिये। हालांकि वह अपनी अर्जित आय का सही व वैध निवेश, अच्छे वैध संस्थानों में कर सकता है।
  8. कोई भी एडवाइजर संस्थान के किसी भी ठेकेदार, सप्लायर या सलाहकार से किसी भी तरह के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ के लिये, किसी भी प्रकार के आपसी अनुबन्ध में शामिल नहीं होना चाहिये।
  9. कोई भी एडवाइजर को, बिना संस्थान की पूर्व अनुमति के अपनी निजी हैसियत में, किसी भी व्यक्ति की, किसी भी प्रकार की आर्थिक जवाबदेही, या आर्थिक जमानत नहीं देनी चाहिये, जिससे नतीजतन किसी प्रकार की आर्थिक हानि होने की तनिक भी संभावना हो।
  10. प्रत्येक एडवाइजर को अपने निजी अनुबन्ध या कार्यकलाप इस प्रकार कार्यान्वित करने चाहिये जिससे किसी भी प्रकार के दिवालियापन या अत्यधिक कर्ज की स्थिति उत्पन्न ना हो जाए। अपने खाते में प्रचुर मात्रा में राशि नहीं होने पर भी चैक काटना एक संवेदनशील दुराचरण है, इस स्थिति में अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
  11. कोई भी एडवाइजर परोक्ष या अपरोक्ष रूप से यौन उत्पीड़न के मामले में लिप्त नहीं होना चाहिये।
 
कोई भी आचरण यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है या नहीं, इसका फैसला इस उद्देश्य के लिये बनाई गई शिकायत कमेटी तय करेगी, जो कि इस तरह के यौन उत्पीड़न से पीडि़त स्टाफ कर्मियों की शिकायत को प्राप्त करेगी, और समस्याओं का निष्पादन कर, उपयुक्त हल निकालेगी, व पीडि़त को राहत प्रदान करवाएगी।
आचरण संहिता के किसी भी प्रकार के उल्लंघन को दुराचरण की श्रेणी में माना जाएगा, जिसके लिये सोसाईटी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी, और प्रावधानों के अन्तर्गत जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।